पाठ−1
भारतीय संविधान
अभ्यासः−
1. किसी लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूरत क्यों पड़ती है?
उत्तरः एक लोकतांत्रिक देश को संविधान की आवश्यकता के निम्नलिखित कारण हैं−
I. देश की राजनीतिक प्रणाली को परिभाषित करने के लिए।
II. देश की व्यवस्था को सुव्यवस्थति ढ़ग से चलाने के लिए।
III. संख्याबल के आधार पर होने वाली निरंकुशता के खतरे को कम करने के लिए।
IV. शक्तियों का बँटवारा सभी पक्षों में न्यायोचित ढंग से करने के लिए।
2. नीचे दिए गए दो दस्तावेजों के हिस्सों को देखिए। पहला कॉलम 1990 का नेपाल के संविधान का है। दूसरा कॉलम नेपाल के ताजा संविधान में से लिया गया है।
1990 का नेपाल का संविधान भाग−7: कार्यपालिका |
2015 का नेपाल का संविधान भाग−7: संघीय कार्यपालिक |
अनुच्छेद 35: कार्यकारी शक्तियाँ नेपाल अधिराज्य की कार्यकारी शक्तियाँ महामहिम नरेश एवं मंत्रीपरिषद् में निहित होंगी। |
अनुच्छेद 75: कार्यकारी शक्तियाँ नेपाल की कार्यकारी शक्तियाँ, संविधान और कानून के अनुसार एवं मंत्रीपरिषद् में निहित होंगी। |
चूँकि विश्व के वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में लोकतांत्रिक व्यव्स्था अन्य किसी भी शासन व्यवस्था से उत्तम मानी जाती है अतएव 2015 के नेपाली संविधान को लोकतांत्रिक व्यवस्था के दृष्टिकोण से अधिक प्रभावी माना जा सकता है।
उत्तरः एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिक अपने प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए जिम्मेदार होते हैं। यदि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की शक्ति पर अंकुश न हो तब यह संभावना बनी रहती है कि वे निरंकुश होकर संविधान की मूल भावना से अलग जाकर अपने अधिकारों को दुरूपयोग करते हुए स्वहित में संलिप्त हो जाएँ और लोकतांत्रिक व्यवस्था छिन्न−भिन्न हो जाए। इन आशंकाओं से बचने के लिए संविधान में निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति पर अंकुश का प्रावधान किया जाता है।
उत्तरः यहाँ स्कूल में पढ़ाने वाली 10 महिला शिक्षक अल्पसंख्यक हैं।
यहाँ महिला शिक्षकों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि अल्पसंख्यक होने के बावजूद, उनकी राय का बहुत महत्व है, और बहुसंख्यक विचारों को ध्यान में रखते हुए कोई भी निर्णय महिला शिक्षकों के लिए असुविधा का कारण नहीं होना चाहिए क्योंकि लैंगिक आधार पर भेदभाव संविधान की भावनाके विपरीत है।
ख) एक शहर में 5 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं।
उत्तरः यहाँ शहर में रहने वाली 5 प्रतिशत बौद्ध आबादी अल्पसंख्यक है।
शहर में रहने वाली 5 प्रतिशत बौद्ध आबादी के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए। वे विभिन्न धार्मिक मान्यताओं के साथ अल्पसंख्यक हैं, सिर्फ इसलिए उन्हें अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी निर्णय को बौद्ध आबादी की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया जाना चाहिए। धार्मिक आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
ग) एक कारखाने के 80 प्रतिशत कर्मचारी शाकाहारी हैं।
उक्त परिस्थितियों में 80 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ−साथ 20 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए भी उनके अनुकूल व्यवहार एवं व्यवस्थाएँ होनी चाहिए क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को खान−पान की स्वतंत्रता प्राप्त है। खान−पान के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
उत्तरः 10 विद्यार्थी जो सम्पन्न परिवारों से नहीं हैं वे अल्पसंख्यक श्रेणी में आएँगे।
10 विद्यार्थी जो सम्पन्न परिवारों से नहीं हैं उनके लिए अन्य विद्यार्थियों के समान ही शैक्षणिक सुविधाएँ उपलब्ध होनी चाहिए क्योंकि शिक्षा पर सभी का समान अधिकार है।
5. नीचे दिए गए बाएँ कॉलम में भारतीय संविधान के मुख्य आयामों की सूची दी गई है। दूसरे कॉलम में प्रत्येक आयाम के सामने दो वाक्यों में लिखिए कि आपकी राय में यह आयाम महत्वपूर्ण क्यों है?
मुख्य आयाम |
महत्व |
संघवाद |
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शक्तियों का बँटवारा |
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मौलिक अधिकार |
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संसदीय शासन प्रणाली |
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मुख्य आयाम |
महत्व |
संघवाद |
भारत जैसे देश में, विभिन्न स्तरों पर रहने वाले लोग हैं, यह विविधता सम्पन्न राष्ट्र है। और सरकार का केवल एक स्तर उन्हें नियंत्रित नहीं कर सकता है। इसलिए, विभिन्न स्तरों के लिए सरकार बनाना महत्वपूर्ण है। पंचायती राज गाँव को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है, राज्य सरकार राज्य को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है, और केंद्र सरकार पूरे देश को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है। इस दृष्टिकोण से संघवाद भारत के लिए महत्वूर्ण है। |
शक्तियों का बँटवारा |
शासन के तीन अंग हैं: विधायिका, कार्यकारी और न्यायपालिका। इनमें से प्रत्येक अंग में अलग -अलग शक्तियाँ हैं और विभिन्न कार्य करते हैं। सरकार की किसी एक शाखा द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए, संविधान का कहना है कि इनमें से प्रत्येक अंग को अलग -अलग शक्तियों का प्रयोग करना चाहिए। |
मौलिक अधिकार |
संविधान सभी नागरिकों के लिए व्यष्टि और सामूहिक रूप से कुछ बुनियादी स्वतंत्रता देता है। इनकी मौलिक अधिकारों की छह व्यापक श्रेणियों के रूप में संविधान में गारंटी दी जाती है जो न्यायोचित हैं। संविधान के भाग III में सन्निहित अनुच्छेद 12 से 35 मौलिक अधिकारों के संबंध में है। मौलिक अधिकार निम्नानुसार हैः− · समानता का अधिकार जिसमें कानून के समक्ष समानता, धर्म, वंश, जाति लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध शामिल है, और रोजगार के संबंध में समान अवसर शामिल है। · भाषा और विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता का अधिकार, जमा होने संघ या यूनियन बनाने, आने-जाने, निवास करने और कोई भी जीविकोपार्जन एवं व्यवसाय करने की स्वतंत्रता का अधिकार (इनमें से कुछ अधिकार राज्य की सुरक्षा, विदेशी देशों के साथ भिन्नतापूर्ण संबंध सार्वजनिक व्यवस्था, शालीलनता और नैतिकता के अधीन दिए जाते हैं)। · शोषण के विरुद्ध अधिकार, इसमें बेगार, बाल श्रम और मनुष्यों के व्यापार का निषेध किया जाता है। · आस्था एवं अन्त:करण की स्वतंत्रता, किसी भी धर्म का अनुयायी बनना, उस पर विश्वास रखना एवं धर्म का प्रचार करना इसमें शामिल हैं। · किसी भी वर्ग के नागरिकों को अपनी संस्कृति सुरक्षित रखने, भाषा या लिपि बचाए रखने और अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद की शैक्षिक संस्थाएं चलाने का अधिकार; और · मौलिक अधिकार के प्रवर्तन के लिए सांवैधानिक उपचार का अधिकार।
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संसदीय शासन प्रणाली |
· संसदीय प्रणाली (parliamentary system) लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की वह प्रणाली है जिसमें कार्यपालिका अपनी लोकतांत्रिक वैधता विधायिका के माध्यम से प्राप्त करती है और विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है। · इस प्रकार संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका और विधायिका एक-दूसरे से परस्पर संबंधित होते हैं। इस प्रणाली में राज्य का मुखिया (राष्ट्रपति) तथा सरकार का मुखिया (प्रधानमंत्री) अलग-अलग व्यक्ति होते हैं। |
क) बांग्लादेश
ख) भूटान
ग) नेपाल