अध्याय 2
धर्मनिरपेक्षता की समझ
अभ्यासः
1. अपने आस−पड़ोस में प्रचलित धार्मिक क्रियाकलापों की सूची बनाइए। आप विभिन्न प्रकार की प्रार्थनाओं, विभिन्न देवताओं की पूजा, विभिन्न पवित्र स्थानों, विभिन्न प्रकार के धार्मिक संगीत और गायन आदि को देख सकते हैं। क्या इससे धार्मिक क्रियाकलापों की स्वतंत्रता का पता चलता है?
उत्तरः मेरे आस−पड़ोस में हिन्दू, सिख, मुस्लिम, क्रिस्चन, जैन धर्म के लोग रहते हैं। सभी समुदाय के लोग अपने धार्मिक रीति−रिवाजों के अनुसार धार्मिक उपासना स्थलों में जाते हैं और अपने आराध्य की पूजा−अर्चना करते हैं। समय−समय पर प्रार्थना सभा, लंगर, धार्मिक जुलूस जैसे− रथ यात्रा, ताजिया, इत्यादि का आयोजन भी विभिन्न धर्मों के अनुयार्इयों के द्वारा बिना किसी रोक−टोक के आयोजित किया जाता है।
उपरोक्त सभी क्रियाकलापों से राज्य में धार्मिक क्रियाकलापों की स्वतंत्रता का पता चलता है।
2. अगर किसी धर्म के लोग यह कहते हैं कि उनका धर्म नवजात शिशुओं को मारने की छूट देताहै तो क्या सरकार किसी तरह का दखल देगी या नहीं?
उत्तरः हाँ। सरकार इस कृत्य को प्रतिबंधित करेगी क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी आयु, लिंग या समुदाय को हो उसे जीवन जीने का अधिकार है और सरकार का दायित्व है कि वह जनता के सभी अधिकारों का संरक्षण करे।
3. इस तालिका को पूरा कीजिए−
उत्तरः
उद्देश्य |
यह महत्वपूर्ण क्यों है? |
इस उद्देश्य के उल्लंघन का एक उदाहरण |
एक धार्मिक समुदाय दूसरे समुदाय पर वर्चस्व नहीं रखता |
इससे सभी समुदायों को विकास के समान अवसर प्राप्त होते हैं। |
जम्मू−कश्मीर में धार्मिक आधार पर उस राज्य के लिए अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के लोगों को समुदाय विशेष के द्वारा कश्मीर छोड़ने पर विवश किया जाना। |
राज्य न तो किसी धर्म को थोपता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनता है |
इससे अल्पसंख्यक समुदाय पर होने वाले भेदभावों को रोका जा सकता है। |
श्रीलंका में तमिल लोगों पर अन्य समुदाय का वर्चस्व |
एक ही धर्म के कुछ लोग अपने ही धर्म के दूसरे लोगों को न दबाएँ |
इससे समाज में शांति, सहशील और सौहार्दपूण वातावरण निर्मित होता है। |
समाज में प्रचलित जाति आधारित भेदभाव। |
4. अपने सकूल की छुट्टियों के वार्षिक कैलेंडर को देखिए। उनमें से कितनी छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से संबंधित हैं? इससे क्या संकेत मिलता है?
उत्तरः हमारे स्कूल के कैलेंडर में होली, दीपावली, रक्षाबंधन, महाशिवरात्रि, क्रिसमस, र्इद, महावीर जयंती, बुद्ध पूर्णिमा जैसी अनेक छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से संबंधित हे। इससे संकेत मिलता है कि हमारे देश में प्रचलित सभी धर्मों को राज्य के द्वारा समान महत्व प्रदान किया जाता है और धार्मिक आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता है।
5. एक ही धर्म के भीतर अलग−अलग दृष्टिकोणों के कुछ उदाहरण दें।
उत्तरः हमें एक ही धर्म के भीतर अलग−अलग दृष्टिकोणों के प्रचलन के उदाहरण देखने को मिलते हैं। जैसे− हिन्दू धर्म में देवी−देवताओं की बहुलता है। लोग अपनी मान्यताओं के अनुसार र्इश्वर की आराधना करते हैं। वहीं मुस्लिम धर्म शिया और सुन्नी सम्प्रदायों में बँटा हुआ है। यदि क्रिस्चन धर्म की बात करें तो र्इसार्इयों में मुख्यतःतीन सम्प्रदाय−कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स हैं। यदि हम जैन धर्म को देखें तो पाते हैं कि जैन धर्म की दो मुख्य शाखाएँ है - दिगम्बर और श्वेतांबर। इसी प्रकार बौद्ध धर्म भी अलग−अलग “यानों“ में बँटा हुआ है।
6. भारतीय राज्य धर्म से फ़ासला भी रखताहै और उसमें हस्तक्षेप भी करता है। यह उलझाने वालाविचार लग सकता है। इस पर कक्षा में एक बार चर्चा कीजिए। चर्चा के लिए इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के अलावाआप अपनी जानकारी के अन्य उदाहरणों का भी सहारा ले सकते हैं।
उत्तरः भारतीय राज्य धर्म से फ़ासला भी रखताहै और उसमें हस्तक्षेप भी करता है। इस संदर्भ को हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि;
भारतीय राज्य संविधान की व्यवस्था के अनुसार किसी एक धर्म को संरक्षण नहीं देता है। शिक्षण संस्थानों, सार्वजनिक स्थलों में धार्मिक आधार पर भेदभाव की कोर्इ गुँजाईश यहाँ नहीं है।
किंतु दूसरी ओर हमारा राज्य धार्मिक मान्यताओं के नाम पर प्रचलित अवैधानिक कार्यों पर प्रतिबंध भी लगाता है। मुस्लिम समाज में प्रचलित “तीन तलाक” पर प्रतिबंध इसका सबसे ताजा उदाहरण है।
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