पाठ−2
व्यापार से साम्राज्य तक कंपनी की सत्ता स्थापित होती है
फिर से याद करें−
1. निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ−
दीवानी |
टीपू सुल्तान |
“शेर−ए−मैसूर“ |
भू−राजस्व वसूल करने का अधिकार |
फ़ौजदारी अदालत |
सिपॉय |
रानी चेन्नम्मा |
भारत का पहला गर्वनर जनरल |
सिपाही |
फ़ौजदारी अदालत |
वॉरन हेस्टिंग्स |
कित्तूर में अंग्रेज−विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया |
उत्तर−
दीवानी |
भू−राजस्व वसूल करने का अधिकार |
“शेर−ए−मैसूर“ |
टीपू सुल्तान |
फ़ौजदारी अदालत |
फ़ौजदारी अदालत/आपराधिक न्यायालय |
रानी चेन्नम्मा |
कित्तूर में अंग्रेज−विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया |
सिपाही |
सिपाही |
वॉरन हेस्टिंग्स |
भारत का पहला गर्वनर जनरल |
2. रिक्त स्थान भरें−
क) बंगाल पर अंग्रेजां की जीत ..................................... की जंग से शुरू हुई थी।
ख) हैदर अली और टीपू सुल्तान ................................. के शासक थे।
ग) डलहौजी ने ........................... का सिद्धांत लागू किया।
घ) मराठा रियासतें मुख्य रूप से भारत के .................... भाग में स्थित थीं।
उत्तर− क) बंगाल पर अंग्रेजां की जीत पलासी की जंग से शुरू हुई थी।
ख) हैदर अली और टीपू सुल्तान मैसूर के शासक थे।
ग) डलहौजी ने विलय का सिद्धांत लागू किया।
घ) मराठा रियासतें मुख्य रूप से भारत के दक्षिण भाग में स्थित थीं।
3. सही या गलत बताएँ−
क) मुगल साम्राज्य अठारहवीं सदी में मजबूत होता गया।
उत्तर− गलत
ख) इंग्लिश इंडिया कंपनी भारत के साथ व्यापार करने वाली एकमात्र यूरोपीय कंपनी थी।
उत्तर− गलत
ग) महाराजा रणजीत सिंह पंजाब के शासक थे।
उत्तर− सही
घ) अंग्रेजों ने अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में कोई शासकीय बदलाव नहीं किए।
उत्तर− गलत
आइए विचार करें−
4. यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थी?
उत्तर− यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ भारत की तरफ आकर्षित हो रही थी क्योंकि, यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों ने भारत के साथ व्यापार की अपार संभावनाएं देखी। यूरोपीय देशों में भारत की कई सामग्रियों जैसे कपास रेशम काली मिर्च लौंग इलायची दालचीनी इत्यादि की भारी माँग थी और भारत के साथ व्यापार करने से यह सारे सामान सस्ते दामों में उपलब्ध हो जाते थे। व्यापारिक कंपनियां कम कीमत पर अचल संपत्ति की खरीद कर यूरोप में उन्हें उच्च कीमत पर बेच सकते थे।
1. बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच किन बातों पर विवाद थे?
उत्तर− बंगाल के नवाब और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच शासन व्यवस्था में कंपनी के बढ़ते हस्तक्षेप को लेकर के विवाद थे। इसे इस प्रकार बिंदुवार समझ सकते हैं:-
1. बंगाल के नवाबों ने कम्पनी को सुविधाएँ और छूट देने से मना कर दिया था।
2. कम्पनी की नीतियों के कारण रियासतों की आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा था।
3. कम्पनी व्यापार की आड़ में सैन्य ताकत बढ़ाने में लगी थी जिससे नवाबों को राजनैतिक खतरे का आभास हो रहा था।
4. कम्पनी के अधिकारी नवाबों से अपमानजनक पत्राचार किया करते थे।
6. दीवानी मिलने से ईस्ट इंडिया कंपनी को किस तरह का फायदा पहुँचा?
उत्तर− 1765 में मुगल सम्राट ने कंपी को बंगाल प्रांत का दीवान नियुक्त कर दिया। दीवानी मिलने से कंपनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों पर नियंत्रण प्राप्त हो गया था। दीवानी मिलने के बाद कंपनी ब्रिटेन से सोनालाने की आवश्यकतानहीं रही। अब भारत में भारत में होने वाली आमदनी के सहारे ही कंपनी अपने खर्च चला सकती थी।
7. ईस्ट इंडिया कंपनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी?
उत्तर− हैदर अली (शासन काल 1761 से 1782) और उनके विख्यात पुत्र टीपू सुल्तान (शासन काल 1782 से 1799) ने मैसूर को काफी ताकतवर बना दिया था। मालाबार तट से होने वाला व्यापार मैसूर के नियंत्रण में था। 1785 में टीपू सुल्तान ने अपनी रियासत में पड़ने वले बंदरगाहों से चंदन की लकड़ी, काली मिर्च, इलायची का निर्यात रोक दिया था। टीपू सुल्तान ने फ्रांसीसी व्यापारियों से व्यापारिक संबंध स्थापित किए और अपनी सेना का आधुनिकीकरण किया। कंपनी को लगा की मैसूर रियासत की भॉति अन्य रियासतों ने भी यदि अपनी सैन्य क्षमता को समृद्ध किया तो इससे ईस्ट इंडिया कंपनी की राजनैतिक महत्वांकांक्षा की पूर्ति में में बाधा उत्पन्न होगी। इसलिए ईस्ट इंडिया कंपनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी।
8. सब्सिडियरी एलाइंस (सहायक संधि) व्यवस्था की व्याख्या करें।
उत्तर− सब्सिडियरी एलाइंस (सहायक संधि) मूल रूप से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और भारतीय रियासतों के बीच एक संधि थी, जिसके आधार पर भारतीय राज्यों ने अंग्रेजों के हाथों अपनी संप्रभुता खो दी थी। यह एक बड़ी प्रक्रिया थी जिसके कारण भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का निर्माण हुआ। इसे 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड वेलेजली द्वारा बनाया गया था।
फ्रांसीसी गवर्नर जनरल डूप्ले इस संधि के तहत भारतीय राजाओं को अपनी सेना देता था और उसके बदले में वह भारतीय राजाओं से उस सेना का किराया लेता था। बाद में अंग्रेजी ईस्ट कंपनी के रॉबर्ट क्लाइव द्वारा फ्रांसीसी गवर्नर जनरल डूप्ले की इस नीति का प्रयोग अंग्रेजी कंपनी के लिए भी किया गया था, जब 1764 में बक्सर के युद्ध के बाद अवध के नवाब शुजा-उद-दौला के साथ अंग्रेजों ने इलाहाबाद की संधि करी थी। उसमें भी इसी प्रकार की शर्त रखी गई थी की अंग्रेज अवध के नवाब शुजा-उद-दौला को अपनी सेना उनकी रक्षा के देंगे और बदले में उस सेना के बदले अवध अंग्रेजों को धन दिया करेगा।
9. कंपनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था?
उत्तर− भारतीय राजाओं के शासन और कंपनी के शासन में अंतरः−
(1) कम्पनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से बहुत भिन्न था। यद्यपि भारतीय राजाओं ने भी अपने राज्य को प्रशासनिक तथा राजस्व की विभिन्न इकाइयों में विभाजित कर रखा था। किन्तु ये इकाइयाँ ब्रिटिश प्रशासनिक एवं राजस्व इकाइयों की तरह प्रभावी नहीं थीं। अंग्रेजों ने प्रेसीडेंसी के रूप में एक नई प्रशासनिक इकाई बनाई जिसका मुखिया गवर्नर होता था। इनसे भी ऊपर एक गवर्नर-जनरल होता था।
(2) कम्पनी शासन द्वारा पुलिस तथा राजस्व व्यवस्था में काफी सुधार किए गए थे।
(3) भारतीय राजाओं के तहत न्यायिक व्यवस्था प्रभावी नहीं थी। एक ही अदालत द्वारा दीवानी तथा फौजदारी दोनों। तरह के मुकदमे सुने जाते थे। कम्पनी ने एक आधुनिक एवं विकसित न्यायिक व्यवस्था की स्थापना की। 1773 के रेग्युलेटिंग एक्ट के तहत एक नये सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई। प्रत्येक जिले में अलग-अलग दीवानी तथा फौजदारी अदालतों की स्थापना की गई।
(4) पहले ब्राह्मण पंडित धर्मशास्त्र की अलग-अलग शाखाओं के हिसाब से स्थानीय कानूनों की अलग-अलग व्याख्या कर देते थे। कानूनों में समरूपता लाने के लिए अंग्रेजों ने 1775 में 11 पंडितों से भारतीय कानूनों का एक संकलन तैयार कराया। इसी प्रकार मुस्लिम कानूनों की भी एक संहिता तैयार कराई गई। इससे कानूनों की व्याख्या में भिन्नता समाप्त हुई ।
(5) कम्पनी के शासन में प्रशासनिक समरूपता थी।
10. कंपनी की सेना की संरचना में आए बदलाव का वर्णन करें?
उत्तर− कंपनी की सेना की संरचनात्मक बदलाव को निम्न प्रकार से समझ सकते हैं−
1) कम्पनी ने पैदल और घुड़सवार सिपाहियों के स्थान पर पेशेवर सैनिकों की भर्ती की।
2) कम्पनी ने सैनिकों को।परम्परागत युद्ध कौशल के स्थान पर यूरोपीय युद्ध तकनीकों से प्रशिक्षित किया।
3) कंपनी ने अपने सैनिकों को आधुनिक हथियारों से लैस किया।
4) कंपनी ने सेना में यूरोपीय सैनिकों की संख्या में वृद्धि करते हुए उन्हें सेना के महत्वपूर्ण स्थान जैसे: तोपखाना, शास्त्रगर इत्यादि पर तैनात किया।
5) सेना में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति वफादारी का भाव जगाया।
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ReplyDelete😄😄
DeleteKo
ReplyDeleteAche hai but thoda small answers banaya karo baki best hai 👍👍👍👍👍👍
ReplyDeleteShi kha
ReplyDeleteKaya
Delete💏💏
ReplyDeleteWho are you
DeleteIt's perfect but I just wanna say that you should make question answer in points... By the way thanks
ReplyDeleteBest but answer this smoll
ReplyDeleteBut some answers is very long
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