नाता
चाहतों का दौर चला,
जैसे उमड़ते लहरों का सिलसिला।
लब रहे खामोश़,
बस नजरों ने ही इज़हार- इकरार किया।
कहते हैं लोग कि,
दिल की बातें नजरों से हो जाती हैं।
लेकिन- दिल की बातें जुबां पर लाने,
देर उन्होने किया-देर हमने भी किया।
दिल की बातें दिल में ही रह गई,
देखते ही देखते इक अलग ही दुनिया बस गई।
अब तो बस यादों का दौर है जो छूटता ही नहीं।
लाख तोड़ना चाहें लेकिन उनसे यादों का नाता टूटता ही नहीं।
😔
©RKPal